मुर्शिदाबाद….
‘दिसंबर 2012 में मेरी मुलाकात बाबा से हुई। उन्होंने स्कूल में पढ़ाने और रहने के लिए जगह देने का वादा किया। मैं उनके लेखन और व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित थी, इसलिए तैयार हो गई। मुझे मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में आश्रम के ही बालिका विद्यालय में रहने की जगह दी गई। वहीं महाराज ने 12 बार मेरा रेप किया। फिर मारा-पीटा और कहा कि मुंह बंद रखना, पैसे घर भेज देंगे।’
मुर्शिदाबाद की रहने वाली शोभना (बदला हुआ नाम) ने पद्मश्री कार्तिक महाराज के खिलाफ नबग्राम थाने में रेप की FIR दर्ज करवाई है। उनका आरोप है कि 6 महीने तक कई बार न सिर्फ उनका रेप किया गया, बल्कि इस दौरान प्रेग्नेंट होने पर निजी नर्सिंग होम में अबॉर्शन कराने के लिए मजबूर भी किया गया।
शोभना ने घटना के करीब 13 साल बाद 30 जून 2025 को इस मामले में केस दर्ज करवाया है। उनका आरोप है कि FIR कराने से पहले इसी साल 12 जून को उसने कार्तिक महाराज से दोबारा कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की थी। तभी महाराज के फॉलोअर्स ने उन पर शिकायत न करने का दबाव डाला और डराया-धमकाया।
पुलिस ने कार्तिक महाराज को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। हालांकि महाराज पेश नहीं हुए। वो इन सभी आरोपों को निराधार और छवि बिगाड़ने की साजिश बता रहे हैं। मामले को समझने के लिए देश के एक बड़े समाचार पत्र की टीम ने विक्टिम से बात की और ये भी जाना कि पुलिस की जांच कहां तक पहुंची।

सबसे पहले विक्टिम की आपबीती…
‘जनवरी से जून तक 12 बार रेप किया, जबरदस्ती अबॉर्शन कराया’….
सबसे पहले हमने शोभना से मुलाकात की। वे बताती हैं, ‘महाराज से मेरी मुलाकात 2012 में हुई। इसके बाद उन्होंने मुझे अलग से कमरे में मिलने बुलाया। वो मुझे अपने आश्रम में मौजूद चनक आदिवासी आवासीय बालिका विद्यालय में टीचर की नौकरी दिलाना चाहते थे। उन्होंने मुझे रहने की जगह दिलाने का भी वादा किया।’
‘फिर वो मुझे अपने साथ शिष्य की तरह जगह-जगह आश्रम ले जाने लगे। हर जगह बस एक ही वादा था कि मुझे नौकरी देंगे। मैं महाराज के लेखन और व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित थी इसलिए उनके साथ आने-जाने को तैयार हो गई। फिर मुझे विद्यालय में ही पांचवीं मंजिल पर एक कमरा दिला दिया गया। मैं वहीं रहने लगी। इसी दौरान महाराज ने एक दिन मुझे अपने कमरे में बुलाया और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे।’
वे आगे बताती हैं, ‘ये सिर्फ एक बार नहीं हुआ, बल्कि बार-बार होने लगा। हर बार मुझे मुंह न खोलने के लिए डराया-धमकाया गया। 2013 में जनवरी से लेकर जून तक कार्तिक महाराज ने मेरा 12 बार रेप किया। मैं उसके प्रभाव से डरी हुई थी। इसी दौरान मैं प्रेग्नेंट हो गई। वे मुझे धोखे से प्राइवेट क्लिनिक ले गए और वहां जबरदस्ती मेरा अबॉर्शन कराया गया।’
‘इस दौरान मुझे सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं, मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जा रहा था। वो मुझे जान से मारने की धमकी देता था।’

‘आश्रम में कई महिलाओं के साथ होता है यौन उत्पीड़न’….
शोभना का कहना है कि वो अकेली नहीं है, जिसके साथ ये सब हुआ। आश्रम में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो रोज शोषित और प्रताड़ित की जा रही हैं। वे कहती हैं कि इसी साल जून में जब उन्होंने आरोपी कार्तिक महाराज से फिर कॉन्टैक्ट कर अपनी बात रखनी चाही, तब भी उनके फॉलोअर्स ने उन्हें डराया-धमकाया।
वे बताती हैं, ’12 जून को मेरे पास कार्तिक महाराज का कॉल आया था और 13 जून को मिलने के लिए कहा। उन्होंने कहा था कि 13 जून को आश्रम से दो व्यक्ति मुझसे मिलने आएंगे और वही मुझे बेलडांगा लेकर जाएंगे। जब वहां जाने के लिए मैं उनकी गाड़ी में बैठी तो वो लोग मुझे धमकाने लगे।’
‘महाराज के फॉलोअर्स ने मुझे चुप रहने की धमकी दी और कहा कि दोबारा कभी कार्तिक महाराज से संपर्क मत करना। फिर उन्होंने मुझे गाड़ी से धक्का दे दिया और वहां से चले गए। डर और बेबसी के चलते मैं इतने सालों तक चुप रही। जब भी पुलिस के पास जाने की बात कहती, महाराज खुदकुशी करने की धमकी देने लगता था।’

पुलिस ने FIR लिखकर कार्तिक महाराज को भेजा समन….
शोभना 30 जून को मुर्शिदाबाद के नबग्राम थाने पहुंची और FIR लिखवाई। पुलिस ने IPC की धारा 313, 376(2), 417 और 506 के तहत मामला दर्ज किया। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने स्पेशल केस के तौर पर जांच शुरू की। 1 जुलाई को नबग्राम पुलिस ने आश्रम के दफ्तर में नोटिस देकर महाराज को पूछताछ के लिए समन भेजा।
ASP रसप्रीत सिंह ने कहा, ‘एक स्पेशल केस दर्ज किया गया है। शिकायत में रेप, जबरन अबॉर्शन, धमकी और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए मामले की गहराई से जांच की जा रही है। तथ्यों की पुष्टि के लिए सभी पक्षों से पूछताछ की जाएगी और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। विक्टिम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी अहम कदम उठाए जा रहे हैं।’

कार्तिक महाराज पेश नहीं हुए, आरोपों को बताया झूठा-बेबुनियाद….
पुलिस ने 30 जून को कार्तिक महाराज को समन भेजा और 1 जुलाई को सुबह 10 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो नहीं पहुंचे। कार्तिक महाराज ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वे एक निजी यात्रा के कारण 1 जुलाई को उपस्थित नहीं हो सकेंगे। हालांकि, उन्होंने कानूनी सलाहकार बनाए हैं और जस्टिस सिस्टम में भरोसा रखते हैं।
कार्तिक महाराज ने मीडिया से बातचीत में खुद पर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा है कि ये पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद मामला है। उन्होंने दावा किया कि ये उनकी छवि को खराब करने और भारत सेवाश्रम संघ जैसे प्रतिष्ठित संगठन को बदनाम करने की साजिश है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने जीवनभर समाज सेवा की है। ये मेरे खिलाफ एक सुनियोजित साजिश है। अगर मैं दोषी होता तो क्या मुझे भारत सरकार पद्मश्री से सम्मानित करती। मुझे राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। मैं कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हूं। मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए धार्मिक संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ये आश्रम सालों से मुर्शिदाबाद में है। उसका नाम खराब किया जा रहा है।’

कार्तिक महाराज ने FIR रद्द करने की लगाई याचिका….
कार्तिक महाराज के वकील ने 1 जुलाई को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई। उन्होंने पुलिस स्टेशन में पेश होने की समय सीमा खत्म होने से पहले FIR रद्द करने की गुहार लगाई थी। याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने 13 साल पहले हुई एक घटना को लेकर सिर्फ एक महिला की शिकायत के आधार पर बिना किसी प्रारंभिक जांच के FIR दर्ज कर ली।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संन्यासी कार्तिक महाराज की याचिका पर विचार करने को तैयार हो गई। साथ ही बंद कमरे में सुनवाई की प्रार्थना पर भी विचार करने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में कहा कि अगर कोई जवाब हो तो वो दाखिल करे।

अब जान लीजिए मामले को लेकर पॉलिटिकल पार्टियां क्या कह रहीं…
BJP : दीदी के निर्देश पर ये योजनाबद्ध सियासी हमला….
इस मामले को लेकर जमकर सियासत भी हो रही है। पश्चिम बंगाल में BJP कार्तिक महाराज के सपोर्ट में नजर आई और राज्य सरकार पर हमलावर दिखी। BJP की IT सेल चीफ अमित मालवीय ने कहा कि ये मामला न्याय की नहीं, बल्कि ‘दीदी‘ के निर्देश पर किया गया योजनाबद्ध राजनीतिक हमला है।
वहीं, बहरामपुर में BJP प्रेसिडेंट मलय महाजन भी इस मामले को लेकर TMC पर निशाना साधते हैं। वे कहते हैं,
ये महिला TMC के हाई लेवल के लोगों से जुड़ी है। पार्टी ने कार्तिक महाराज का चरित्र खराब करने के लिए ऐसा करवाया है।
TMC : एक महिला ने हिम्मत दिखाई, अभी और मामले सामने आएंगे….
इस मामले को लेकर TMC केंद्र की BJP सरकार पर निशाना साध रही है। भरतपुर से TMC विधायक हुमायूं कबीर कहते हैं, ‘कार्तिक महाराज की वजह से इस पुरस्कार का अपमान हुआ है। सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और पद्मश्री सम्मान वापस ले लेना चाहिए।‘
नबग्राम से TMC विधायक कनाई चंद्र मंडल आरोप लगाते हुए कहते हैं, ‘मैं आश्रम के बगल में ही रहता हूं। मुझसे आश्रम की महिलाओं ने कई बार शिकायत की है। पहली बार किसी महिला ने कार्तिक महाराज के शोषण के खिलाफ बोलने की हिम्मत दिखाई है।‘

कार्तिक महाराज पहले भी विवादों में रहे….
कार्तिक महाराज का पहले भी कई विवादों से नाम जुड़ चुका है। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनका नाम तब सुर्खियों में आया, जब पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने चुनावी जनसभा में उनका नाम लेकर BJP का पक्ष लेने का आरोप लगाया।
ममता ने आरोप लगाते हुए कहा कि बेलडांगा स्थित भारत सेवाश्रम संघ के आश्रम में जब TMC उम्मीदवार पहुंचे, तो उन्हें दाखिल भी नहीं होने दिया गया, जबकि BJP नेताओं को अंदर बुलाया गया और उनका स्वागत भी किया गया।
इस पर कार्तिक महाराज ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा था कि ये बयान उनके और संगठन की छवि को धूमिल करने की कोशिश है। उन्होंने ममता बनर्जी को कानूनी नोटिस भेजा और कहा कि उनका आश्रम किसी पार्टी विशेष से नहीं जुड़ा है। मामला कई दिनों तक मीडिया की सुर्खियां बना रहा। BJP ने ममता पर हिंदू साधुओं के अपमान का आरोप लगाया।
मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और बहरामपुर क्षेत्र में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले रामनवमी समारोह के दौरान सांप्रदायिक तनाव और झड़पें हुई थीं। आरोप लगा कि महाराज और अन्य आश्रम पदाधिकारियों ने हिंसा उकसाने में भूमिका निभाई थी। स्थानीय मुसलमानों ने आरोप लगाया कि महाराज के आयोजनों और रैलियों में भड़काऊ भाषण दिए गए, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ा।
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