बदलाव…. कॉलेजों का भी होगा गुणवत्ता परीक्षण, यूपी मॉडल से होगी संस्थानों की जांच
अब प्रदेशभर के मेडिकल, नर्सिंग, पैरामेडिकल, डेंटल, आयुष समेत विभिन्न संकायों के 500 से ज्यादा कॉलेजों को संबद्धता हासिल करने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) के मापदंडों पर खरा उतरना होगा। संबद्धता से पहले क्यूसीआई की टीम इन कॉलेजों को निर्धारित मानकों पर परखेगी।इसके बाद इसकी रिकमंडेशन पर ही कॉलेजों को मान्यता दी जाएगी। मप्र आयुर्विज्ञान विवि जबलपुर की कार्य-परिषद की 95वीं बैठक 25 जुलाई को हुई इसमें पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संबद्धता निरंतरता के लिए निर्णय लिए जाने की अनुशंसा की गई है।
अभी यह थी व्यवस्था….
अब तक कॉलेजों की मान्यता को लेकर भ्रांतियां थीं कि टीम आती है और आधी-अधूरी जानकारी लेकर भी मान्यता दे दी जाती है। नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच में भी कई गड़बड़ियां सामने आई थीं। इन सभी मामलों को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर क्यूसीआई को मान्यता का काम दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में भी सभी तरह के मेडिकल कॉलेजों की मान्यता से पहले क्यूसीआई का निरीक्षण बीते साल शुरू किया गया। इसके बाद यहां नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों की संख्या 600 से घटकर महज 68 रह गई है। उच्च क्वालिटी मानकों को परखने के लिए ये कवायद है।
कॉलेजों की सूची वेबसाइट पर….
अब तक लोगों को कॉलेज के फर्जी या असली होने को लेकर दुविधा थी। कार्यपरिषद में निर्णय हुआ कि विश्वविद्यालय से संबंद्ध सभी कॉलेजों की सूची अब यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में ऑनलाइन की जाएगी। यह पब्लिक डोमेन में होगी।
एडवांस तरीके से होता है निरीक्षण….
निरीक्षण करने वाली टीम बॉडी कैमरा, जियो टैगिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करती है। निरीक्षण के दौरान मिली कमियों का स्तर देखते हुए सुधार का मौका दिया जाता है।