इंदौर….
सब कुछ अच्छा होने के बावजूद अचानक हुई मौतों के मामले में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। ऐसी मौतों में पुरुषों की संख्या 90% से ज्यादा है। इनमें भी अधिकांश वे पुरुष थे जो तंबाकू, शराब, गांजा या इस तरह के मादक पदार्थों के सेवन के आदी थे। डॉक्टरों का मानना है कि अचानक हुई मौतों में इसका एक बड़ा कारण मादक पदार्थों का सेवन करना भी है।
यह चौंकाने वाले फैक्ट्स एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों (MYH) की रिसर्च में सामने आए हैं। दरअसल, फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. सूर्य प्रकाश के निर्देशन में डॉ. बीके सिंह (एचओडी) और डॉ. तपन सिंह पेंड्रो ने यह रिसर्च की है।
इसमें 2023 और 2024 में अचानक हुई 191 मौतों के कारणों को लेकर अध्ययन किया गया। इसमें मौत से जुड़े अहम फैक्ट्स मिले। पता चला कि अचानक मौत से पहले इनके हार्ट की आर्टरी ब्लॉक हुई, जिससे सांस लेने में तकलीफ हुई और ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया।
अब जानिए कैसे की गई रिसर्च….
जिन 191 लोगों की अचानक मौत हुई। वे इंदौर, खंडवा, खरगोन, धार, झाबुआ, अलीराजपुर और बुरहानपुर के रहने वाले थे। इनकी डेड बॉडी जब पोस्टमॉर्टम के लिए आई तो पुलिस परिजन के बयान के आधार पर पंचनामा बनाती ही है, लेकिन इन मामलों में डॉक्टरों ने परिवार से मरीज की हिस्ट्री भी बारीकी से जानी, क्योंकि उनके लिए यह रिसर्च थी। इनमें परिजन से कई बिंदुओं पर जानकारी ली गई।

रिसर्च में पता चला कि अचानक हुई 191 लोगों की मौत में से 169 लोग नशे का सेवन करते थे। सिर्फ 22 लोग ऐसे थे, जो किसी प्रकार का नशा नहीं करते थे। इनमें से 73 लोग तंबाकू, 40 लोग शराब, 55 लोग शराब व तंबाकू और एक व्यक्ति तंबाकू, शराब और गांजे का सेवन करता था। रिसर्च में यह खुलासा हुआ कि अचानक मौत होने के मामलों में नशा एक बड़ा कारण होता है।
132 तो कभी अस्पताल में एडमिट ही नहीं हुए….
जिन लोगों की मौत अचानक हुई, उनमें से 132 लोग कभी अस्पताल में एडमिट ही नहीं हुए, जबकि 59 लोग किसी कारण से एडमिट हुए थे। यानी, स्वस्थ व्यक्ति में भी अचानक मौत की आशंका रहती है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
63 लोगों को सांस संबंधी तकलीफ थी….
रिसर्च में यह भी पता चला कि 63 लोगों को सांस लेने में तकलीफ थी। इसके अलावा 36 लोगों को सीने में दर्द था और 49 लोगों में कोई लक्षण नहीं थे। सबसे ज्यादा अचानक मौत दोपहर 12 से शाम 6 के बीच हुई, जिसमें 110 लोग शामिल थे। यह भी सामने आया कि 191 में से 172 लोगों की मौत अस्पताल पहुंचने के पहले ही हो गई थी, जिन्हें मेडिकल भाषा में हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट आदि कहा जाता है।
97 लोगों को हार्ट संबंधी तकलीफ थी….
रिसर्च में यह भी पता चला कि मृतकों में से 91 लोगों को हार्ट संबंधी तकलीफ थी। ऐसे ही 58 लोगों को सांस से जुड़ी और 14 को ब्रेन संबंधी बीमारियां थीं। 25 लोगों को किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी। 91 लोगों में से 84 की मौत हार्ट की आर्टरी में ब्लॉकेज के कारण हुई थी। इनमें से 51 केसों में 1 आर्टरी में, 32 केसों में 2 आर्टरी और एक केस में 3 आर्टरीज में ब्लॉकेज था। 14 लोगों की मौत ब्रेन हेमरेज के कारण हुई थी।

