इंदौर….

शहर में करीब 950 अवैध कॉलोनियां हैं। निगम जिन 236 कॉलोनियों को वैध करने जा रहा, उनमें से 137 पहले ही वैध की जा चुकी हैं और 99 की प्रक्रिया चल रही है। इसमें 16 और नई कॉलोनियां शामिल की जा रही हैं। इन कॉलोनियों में 8 हजार प्लॉट हैं, जिनमें से करीब 6 हजार पर मकान बने हैं। इन बने हुए मकानों का नक्शा मंजूर नहीं होगा, लेकिन विकास शुल्क जमा करना होगा। खाली प्लॉट पर नक्शा मंजूर होने के बाद बैंक से लोन आसानी से मिल जाएगा। बड़े प्लॉट वाली कॉलोनी में 150 रुपए वर्गफीट और छोटे प्लॉट वाली कॉलोनी में 10 से 12 रुपए वर्गफीट विकास शुल्क तय किया गया है।
ये कॉलोनियां होंगी वैध….
अक्षरधाम कॉलोनी (मूसाखेड़ी), गुरुकुल फॉर्म (लिम्बोदी), लैंडलॉर्ड एस्टेट (निपानिया), प्रणाम एस्टेट (बिचौली मर्दाना), प्रिंसेस इस्टेट (लसूड़िया मोरी), पुष्प वाटिका (लसूड़िया मोरी), रॉयल सिटी (बिचौली मर्दाना), शांति विहार (बिचौली हप्सी), द्वारकापुरी (सिरपुर), अमन नगर (मूसाखेड़ी), इदरीस नगर (मूसाखेड़ी), परमाणु नगर (हुक्माखेड़ी), शाहीन नगर एक्सटेंशन (मूसाखेड़ी), राधा स्वामी नगर (चितावद), पुष्पदीप नगर (पालदा), साकेत धाम (छोटा बांगड़दा)।
निगम सीमा में हो चुकी है 10 एफआईआर….
शहर में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया जारी है। वहीं दूसरी ओर अवैध कॉलोनियां काटने वालों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जा रही है। नगर निगम ने पिछले एक साल में 10 कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। वहीं जिला प्रशासन ने इस मामले में ग्रामीण क्षेत्रों में सख्ती बरती है। अफसर ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 2 साल में 90 से ज्यादा एफआईआर करवा चुके हैं। इनमें कहीं 20 तो कहीं 250 प्लॉट काटे गए थे। दो एकड़ से लेकर 5 हेक्टेयर तक की कॉलोनियों के मामले भी सामने आ चुके हैं।