फार्मेसी कोर्सेस के लिए काउंसलिंग; अब 3 महीने पिछड़ेगा एकेडमिक कैलेंडर

डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्नीकल एजुकेशन (डीटीई) द्वारा फार्मेसी कोर्सेस बी.फार्मेसी, डी.फार्मेसी, एम.फार्मेसी कोर्सेस को छोड़कर अन्य कोर्स में एडमिशन के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। फार्मेसी कोर्सेस संचालित करने वाले कॉलेजों को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की ओर से अब तक मान्यता नहीं मिल सकी है। मान्यता की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक चलेगी।
वहीं कॉलेज 30 नंवबर तक अपील कर सकेंगे। ऐसे में डीटीई ने सत्र 2024-25 के अंतर्गत फार्मेसी कोर्सेस में प्रवेश के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इन कोर्सेस के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया अक्टूबर के बाद शुरू होगी। इसका असर एकेडमिक सेशन पर पड़ेगा। बीटेक सहित अन्य कोर्सेस के एकेडमिक सत्र से फार्मेसी में एडमिशन लेने वाले छात्रों का एकेडमिक सत्र करीब तीन महीने की देरी से शुरू हो सकेगा। इसका असर हजारों छात्रों की पढ़ाई पर पड़ेगा।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फार्मेसी काउंसिल कॉलेजों को मान्यता जारी करती है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की तरह एकेडमिक कैलेंडर घोषित नहीं करता। एकेडमिक कैलेंडर बनाना और उसका पालन कराना यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी है। फार्मेसी कॉलेज राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) से संबद्धता प्राप्त करते हैं।
अप्रूवल मिलने के बाद आरजीपीवी द्वारा संबद्धता दी जा सकेगी। ऐसे में फार्मेसी छात्रों के लिए एकेडमिक कैलेंडर का पालन करना चुनौतीपूर्ण होगा। आरजीपीवी के सत्र 2024-25 के एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार सभी यूजी और पीजी कोर्स की कक्षाएं 1 सितंबर से शुरू किया जाना तय किया गया है। इस दौरान तो एडमिशन प्रक्रिया शुरू भी नहीं हो सकेगी। ऐसे में विश्वविद्यालय को फार्मेसी कोर्स के लिए अलग से कैलेंडर जारी करना पड़ सकता है।
बड़ी संख्या में छात्र बी.फार्मेसी और डी.फार्मेसी में प्रवेश लेते हैं। पिछले कुछ सालों में इन कोर्सेस में स्टूडेंट्स का रुझान लगातार बढ़ रहा है। हर साल कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। सत्र 2024-25 में भी नए कॉलेज आने की संभावना जताई जा रही है। सत्र 2023-24 तक बी.फार्मेसी के कॉलेज 174 और डी.फार्मेसी के 142 कॉलेज हैं।

पिछली बार दो बार आयोजित करनी पड़ी थी काउंसलिंग…
सत्र 2023-24 में एडमिशन के लिए काउंसलिंग दो बार आयोजित की गई थी। पिछली बार भी सभी कॉलेजों को समय पर अप्रूवल नहीं मिल सका था। कुछ कॉलेजों के लिए डीटीई ने अन्य कोर्सेस के साथ काउंसलिंग शुरू कर दी थी। इसका असर आरजीपीवी के एकेडमिक कैलेंडर पर पड़ा। अब तक बी.फार्मेसी के सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हो सकी है। यूनिवर्सिटी के अनुसार ये परीक्षा 2 अगस्त से शुरू होगी।
एक्सपर्ट बोले … अप्रूवल की प्रोसेस जून तक कंप्लीट हो जानी चाहिए
पीसीआई का मतलब सिर्फ मान्यता देने से है। पहले पीसीआई सिर्फ फाइनल ईयर के लिए मान्यता देती है। कुछ सालों से फर्स्ट ईयर से ही मान्यता देना शुरू कर दिया। फार्मेसी कोर्स एआईसीटीई के अधीन आते थे, तब एआईसीटीई का एकेडमिक कैलेंडर फार्मेसी कोर्सेस पर भी लागू होता था। अब फार्मेसी कोर्स एआईसीटीई के अधीन नहीं आते। पीसीआई कैलेंडर जारी करती नहीं है। लेकिन, पीसीआई को छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर विस्तृत कैलेंडर जारी करना चाहिए। अप्रूवल देने के लिए भी इसी कैलेंडर के अनुसार जून तक पूरी होनी चाहिए।
डॉ. अनुपम पाठक, पूर्व एचओडी, फार्मेसी डिपार्टमेंट, बीयू