इंदौर….
यह बात ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमेन मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने शुक्रवार को संवाददाता से बातचीत में कही। उन्होंने जम्मू में आतंकवाद को लेकर कहा कि पिछले 8 से 10 साल में काफी कंट्रोल हुआ है। मैं यह बात किसी राजनीतिक पार्टी की बढ़ाई के लिए नहीं कर रहा हूं। धारा 370 हटने के बाद भी अभी तक सबकुछ ठीक चल रहा था, लोकसभा चुनाव के बाद जब नई सरकार बनी तो जम्मू में हालत खराब हो गई। आतंकवादियों के द्वारा हमले किए जाने लगे। अयोध्या में राम जन्मभूमि का निर्माण हुआ, कोई फर्क नहीं पड़ता भले ही वहां पर भाजपा को सीट नहीं मिली।
ना कोई दंगा हुआ और ना ही कोई गोली चली, यही बड़ी बात है। क्योंकि 70 साल में ये दोनों चीजें कभी संभव हो ही नहीं पाईं। कनाडा दूसरा पाकिस्तान बनकर उभर रहा है। वहां तिरंगे झंडे को पैरों तले रौंदा जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति को तोड़ा जाता है और इधर पंजाब में खालिस्तान के नारे लगते हैं तो शिक्षित सिख समाज को आगे आकर इस पर विरोध दर्ज करवाना चाहिए।
कांग्रेस नेता वर्मा के बयान पर खून खौल उठा
बिट्टा ने बताया कि महाकाल मंदिर दर्शन करने गया तो पता चला कांग्रेस नेता सज्जनसिंह वर्मा ने प्रधानमंत्री को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो मेरे से रहा नहीं गया, मेरा खून खौल उठा। वर्मा कई बार सांसद और मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने भी संविधान की शपथ ली है, फिर भी वे भारत माता को लेकर ऐसी बातें कर रहे हैं। बंग्लादेश में जो हिंदुओं, मंदिरों और गुरूद्वारे पर हमले किए जा रहे हैं उसके लिए हम प्रार्थना कर रहे हैं कि वहां पर शांति कायम हो जाए। वर्मा के इस तरह के बयान लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। राजनेताओं को देश के बारे में कुछ भी बोलने से पहले 100 बार सोच लेना चाहिए।
अग्नि वीर योजना युवाओं के लिए है एक तोहफा
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की युवाओं के लिए निकाली गई अग्नि वीर योजना काफी अच्छी है। भारतीय युवाओं को इजराइल के युवाओं जैसे बनना चाहिए। वहां जब जंग शुरू हुई तो कई नौकरी व पढ़ाई छोड़कर युवा सेना में भर्ती हुए और देश के लिए लड़े। इसको लेकर जो भी राजनीतिक बयानबाजी हो रही है वह अच्छी बात नहीं।
राजनीतिक आतंकवाद से हार गया
वे बताते हैं कि बचपन से लेकर अभी तक के सफर में मैं हमेशा बम और गोली से जीतता आया हूं, लेकिन राजनीति आतंकवाद से हार गया। आतंकवाद तो हथियारों से हमला करता है, लेकिन राजनीतिक आतंकवाद दिल और दिमाग पर हमला करता है। जो व्यक्ति इसका शिकार हाेता है वह पूरे समय इसी के बारे में सोचता रहता है। भंवरसिंह शेखावत के समय विरोधी पार्टी के लोग देश हित को पहले रखते थे चाहें वह किसी और पार्टी का ही क्यों ना हो। वर्तमान समय में राजनीतिक पार्टियों में दुश्मनी है।