इंदौर….

शहर में जवाहर मार्ग निवासी मेडिकल व्यवसायी अशोक वर्मा का गुरुवार रात निधन हो गया था। उनके संकल्प अनुसार उनके परिजन ने देहदान, नेत्रदान और त्वचा दान के लिए तत्काल दधीचि मिशन से संपर्क किया लेकिन तकनीकी कारण से नेत्रदान और त्वचा दान संभव नहीं हो पाया।
वर्मा ने 2011 में ‘महर्षि दधीचि देहदान अंगदान समिति’ इंदौर के माध्यम से देहदान, अंगदान का संकल्प लिया था। वर्मा की अंतिम यात्रा के बाद उनकी पार्थिव देह अरविंदो मेडिकल कॉलेज को डोनेट की गई। शासन के निर्देश के मुताबिक प्रशासन द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

बेटे की अकाल मौत के बाद उसकी भी देह दान की थी….
खास बात यह कि वर्मा ने कुछ साल पहले अपने बेटे की मृत्यु होने पर भी उसकी देह दान करवाई थी। बता दें कि वर्मा ने राजबाड़ा क्षेत्र स्थित अपनी दवाई की दुकान पर दधीचि देहदान अंगदान समिति का पोस्टर लगा रखा था। वे नागरिकों और संबंधियों से देहदान और अंगदान के लिए संकल्प पत्र भरवाते रहें।
बहू का कन्या दान कर दूसरा विवाह कराया….
दधीचि ब्राह्मण समाज के संस्थापक और समाजसेवी नंदकिशोर व्यास ने बताया कि अशोक वर्मा कुप्रथा और संकीर्ण रूढ़ीवादी परम्पराओं के खिलाफ थे। उन्होंने अपने बेटे की मृत्यु होने के बाद बहू का भी बेटी की तरह कन्यादान कर उसका पुनर्विवाह भी किया। वर्मा के देहदान के मौके पर महर्षि दधीचि देहदान अंगदान समिति के सदस्यों सहित संस्थापक सदस्य नंदकिशोर व्यास ने श्रद्धांजलि अर्पित कर समाज की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त किया ।