इंदौर….
अनेक वर्षों की कड़ी मेहनत, सैकड़ों पुस्तकों का अध्ययन, स्थल का स्वयं अवलोकन करने पश्चात यदि कोई पुस्तक लिखता है तो सही अर्थों में वह समाज की राष्ट्र की संपत्ति हो जाती हैं. अनेक वर्षों तक न जाने कितने लोग उसका अध्ययन कर सही ज्ञान प्राप्त करते रहेंगे. यह कहना है राष्ट्रसंत दादू महाराज का. वे चंद्रगुप्त मौर्य पुस्तक के विमोचन समारोह में बोल रहे थे.
दादू महाराज ने पुस्तक के लेखक इतिहासकार घनश्याम होलकर का पुस्तक लेखन के लिए विशेष रूप से सम्मान कर धन्यवाद भी दिया. महापुरुषों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज एवं राष्ट्र हित में अपना योगदान देना चाहिए. यह विचार श्रीमंत उदय सिंह राजे होलकर ने चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य चरवाहा संस्कृति और इतिहास पुस्तक के विमोचन समारोह में व्यक्त किए.
कार्यक्रम सह संयोजक दिनेश पाल के अनुसार मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति इंदौर के सभागार में आयोजित समारोह महामंडलेश्वर संत श्री दादू जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न हुआ. आयोजन में विशिष्ट अतिथि पूर्व न्यायाधीश विक्रम सिंह बोलिया राजवंश इंदौर, सत्यप्पा गुरिकर बैंगलोर, पूर्व पार्षद दीपिका कमलेश नाचन, डा.रामचन्द ठाकुर अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री क्षत्रिय धनगर सेवा इंदौर के अध्यक्ष हरिश बारगल ने की. इतिहासकार घनश्याम होलकर द्वारा लिखित शोध पुस्तक के विमोचन समारोह में पांच राज्यों से आए इतिहास विदों ने चन्द्रगुप्त मौर्य के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने साहस और पराक्रम के बल पर अखंड भारत आजाद भारत का निर्माण किया. चन्द्रगुप्त ने यूनानी शासन को उखाड़ फेंकने का गौरवशाली कार्य किया. उनकी जनहित कारी नीतियां इतनी श्रेष्ठ थी कि उनका अनुसरण उनके वंशजों ने अनवरत रूप से किया.
इस मौके पर समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले श्याम बाडीकर जलगांव, घनश्याम गायरी प्रतापगढ़ राजस्थान ,सत्यदेव धनगर नागपुर, पूर्व पार्षद सुधीर देंडगे, महादेव धनगर अंजड, रमेश धनगर, निहाल सिंह बघेल भरतपुर, विष्णु प्रसाद चौधरी, रंजना फतेपुरकर, प्रीतम पालसुमन बघेल अलीगढ़, अनिल भोजे, रेवा बागोरे धनगर, लक्ष्मण दातिर, हर्षल शिंदे सहित अनेक समाजसेवियों को स्मृति चिन्ह एवं दुपट्टा देकर सम्मानित किया. आभार कार्यक्रम संयोजक पूर्व पार्षद कमलेश नाचन ने व्यक्त किया. उक्त जानकारी सुप्रसिद्ध लेखक मुकेश इंदौरी ने दी.