भोपाल….
प्रदेश की दवा दुकानदार बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के दवा नहीं बेच सकेंगे। ऐसा करते पाए जाने पर उनके खिलाफ फार्मेसी अधिनियम 1948 की धारा 42 और जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम 2023 के तहत कार्रवाई होगी। इस प्रावधान के तहत आरोपी को तीन महीने की जेल, दो लाख रुपए जुर्माना या दोनों ही सजा दी जा सकती है।
अभी तक ऐसे मामलों में सिर्फ एक हजार रुपए जुर्माने और छह महीने की जेल का प्रावधान था। इसलिए दुकानदार मानमानी करते थे। कई दुकानों पर फार्मासिस्ट नहीं होने की भी शिकायत मिली थी।
स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने बुधवार को निर्देश जारी कर सभी मेडिकल स्टोर, अस्पताल और फार्मेसी को इस संबंध में चेतावनी जारी की है। रजिस्ट्रार भव्या त्रिपाठी ने कहा कि गैर-पंजीकृत व्यक्ति द्वारा दवा बेचना मरीजों की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने सीएमएचओ को जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। फूड एंड ड्रग विभाग भी ऐसी दुकानों पर कार्रवाई करेगा।
बार-बार शिकायतें तो रजिस्ट्रेशन निरस्त….
^काउंसिल ने यह भी स्पष्ट किया कि बार-बार यदि पंजीकृत फार्मासिस्ट नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जा सकता है। साथ ही, संबंधित संस्थान या स्टोर के खिलाफ भी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
-संजय जैन, अध्यक्ष, स्टेट फर्मेसी काउंसिल मप्र