इंदौर….

इस नतीजे के साथ प्रदेश को 24 डिप्टी कलेक्टर, 13 डीएसपी, जिला पंजीयक सहायक संचालक, वाणिज्य कर अधिकारी, श्रम अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त, नायब तहसीलदार, सहायक श्रम अधिकारी, वाणिज्यिक कर निरीक्षक सहित पदों पर 243 नए अफसर मिल गए हैं।
प्रदेश के टॉपर्स के नाम और नंबर
- अंकिता पाटकर 942
- अमित कुमार सोरी 921.25
- पूजा चौहान 920
- मनीषा जैन 917.50
- प्रियंक मिश्रा 916.25
- प्रियल यादव 910.25
- आशिमा पटेल 906.50
- रितु चौरसिया 905.50
- सृजन श्रीवास्तव 903.25
- ज्योति राजोरे 902.75
अपडेट्स….
- खातेगांव की ज्योति राजोरे ने हासिल की 10वीं रैंक

- पीएससी ने इसलिए रोका 13% रिजल्ट
वर्ष 2018 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27% कर दिया था। इसके बाद सभी सरकारी भर्तियां 27% आरक्षण के साथ निकाली गईं। राज्य में आरक्षण को लेकर विवाद हुआ। वहीं, यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के चलते सरकार ने सभी भर्तियों को 87% रिजल्ट के साथ नियुक्ति देने का निर्णय लिया। यही वजह है कि पीएससी ने 87% रिजल्ट जारी किया।
- एमपी पीएसी की दलील- ओबीसी आरक्षण पर सरकार को निर्णय लेना है
मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को तत्कालीन कांग्रेस सरकार (2018) ने 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। इसके विरोध में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। पिछली सुनवाइयों के दौरान हाईकोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि उसने 13% परिणामों पर रोक नहीं लगाई है।
पीएससी की दलील है कि यह राज्य शासन के अधिकार क्षेत्र का विषय है। उसे ही निर्णय लेना है। जिसे लेकर कई तकनीकी पहलू भी परेशानी का कारण बने हुए हैं। इस विवाद के चलते राज्य सेवा परीक्षा 2019, 2020, 2021 के 13% फाइनल रिजल्ट रुके हुए हैं।
- जनंदनी ने कहा- कुछ बनना है तो खुद को झोंकना होगा

डिप्टी कलेक्टर बनी उज्जैन की राजनंदनी ने बताया कि नौकरी में रहते हुए समय निकाला, क्योंकि अगर कुछ बनना है तो समय न होते भी निकालना पड़ेगा। पढ़ाई में खुद को झोंकना होगा, तभी लक्ष्य हासिल हो पाएगा। बता दें, राजनंदनी बास्केट बॉल की स्टेट प्लेयर रही हैं।
अर्जुन सिंह ठाकुर ने बताया कि रोजाना आठ से दस घंटे की पढ़ाई की। सोशल मीडिया में सिर्फ खबरें और कंटेंट देखने के लिए मोबाइल का उपयोग किया। 2018 से लगातार अपन बेस्ट देने के लिए मेहनत की और आज उसक परिणाम मिल गया।
- एक साथ डिप्टी कलेक्टर बने उज्जैन के भाई-बहन

उज्जैन के भाई-बहन का एक साथ डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। भाई की 21वीं और बहन की 14वी रैंक आई है। हालांकि, बहन पहले से नायब तहसीलदार हैं। भाई अर्जुन सिंह ठाकुर और बहन राजनंदनी सिंह ठाकुर है। उनके पिता प्रो. डॉ. वायएस ठाकुर इंजीनियरिंग कॉलेज में पदस्थ हैं।
दोनों भाई-बहन ने उज्जैन के क्रिस्ट ज्योति स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद भोपाल से इंजीनियरिंग की है। राजनंदनी का साल 2020 में नायब तहसीलदार के पद पर चयन हो गया था।
- राजेश ने 2022 और 2023 के मेंस भी क्लियर किए हैं

मंदसौर के राजेश पाटीदार ने बताया कि उन्होंने इंदौर में रहकर पढ़ाई की। 2018 से तैयारी कर रहे थे। उन्होंने पांच बार एमपीपीएससी की परीक्षा दी, इसमें चार बार सफल हुए, लेकिन इंटरव्यू में पास नहीं हो पाए।
राजेश का परिवार खेती करता है, सरकारी नौकरी में जाने वाले वे इकलौते
मंदसौर जिले के रहने वाले राजेश पाटीदार का चयन नायब तहसीलदार के लिए हुआ है। इस लिस्ट में उनका नाम 10वें नंबर पर है। राजेश के पिता गोपाल किसान हैं। पूरे परिवार में राजेश ही ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका चयन सरकारी नौकरी के लिए हुआ है। पूरा परिवार खेती करता है ।
- 5वीं रैंक वाले प्रियंक पहले सहकारिता निरीक्षक के लिए चयनित हो चुके

अशोकनगर जिले के प्रियंक मिश्रा ने पीएससी में 5वीं रैंक हासिल की है। वे बहादुरपुर कस्बे के एक मध्यमवर्गीय परिवार के से ताल्लुक रखते हैं। उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हुआ है।
28 साल के प्रियंक इससे पहले लोकसेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर सहकारिता निरीक्षक के पद पर चयनित हो चुके हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बहादुरपुर के एक प्राइवेट स्कूल से की है। इसके बाद संस्कृत विद्यालय में पढ़ाई के लिए वह भोपाल चले गए थे। स्नातक के लिए उनका चयन जेएनयू नई दिल्ली में हुआ। वह चार-पांच साल से पीएससी की तैयारी कर रहे थे। प्रियंक ने अपनी सफलता का श्रेय दिवंगत माता–पिता के संस्कारों को दिया है।
प्रियंक पांच भाई-बहन हैं। उनकी मां चंद्रकला मिश्रा का देहांत करीब 15 वर्ष पहले ब्लड कैंसर से हो गया था। करीब दो वर्ष पहले उनके पिता मोहन मिश्रा को भी इसी बीमारी ने परिवार से दूर कर दिया। इन विपरीत परिस्थितियों में प्रियंक ने जी तोड़ मेहनत की और सफलता हासिल की है। प्रियंक की बड़ी बहन वंदना मिश्रा मध्यप्रदेश पुलिस में निरीक्षक हैं। दूसरी बहन रोशनी मिश्रा प्रथम श्रेणी की शिक्षक हैं। वहीं, बड़े भाई मयंक मिश्रा पटवारी के पद पर कार्यरत हैं।
- जहां जॉब करती हूं, वहां के स्टाफ ने सपोर्ट किया

जनपद पंचायत औबेदुल्लागंज में सहायक विकास विस्तार अधीकारी हूं, वहां के स्टाफ का भी योगदान है। मैंने नवोदय से पढ़ाई की है। वहां अच्छी पढ़ाई होती थी। एजुकेशन और गाइडेंस हमेशा अच्छा मिला है। कोचिंग से मिली टेस्ट सीरीज और टॉपर्स की कॉपियों से भी तैयारी करती थी। मैं सुबह 8 बजे लाइब्रेरी पहुंच जाती थी। कोशिश करती थी कि 8 से 10 घंटे पढ़ाई करूं। – अंकिता पाटकर
- टॉपर अंकिता बोलीं- फ्री कोचिंग और यूट्यूब चैनल से पढ़ाई की
अंकिता पाटकर ने कहा, मैं बहुत खुश हूं, रैंक वन पर मेरा नाम है। पहले तो यकीन नहीं हो रहा था। पीएससी की तैयारी में मेरे पेरेंट्स और मेरे गुरु का बड़ा योगदान रहा है। एमपी गवर्नमेंट ओबीसी स्टूडेंट को फ्री कोचिंग कराती है, मैंने वहां से भी पढ़ाई की थी। यूट्यूब चैनल्स से भी तैयारी की। मेरी तैयारी एग्जाम ओरिएंटेड और सिलेबस देखकर होती थी।

- अंकिता ने 2019 में शुरू की थी तैयारी
अंकिता ने संवाददाता को बताया उन्होंने 2019 से तैयारी शुरू कर दी थी। उनका वर्ग तीन शिक्षक में चयन हो गया था। उसके बाद उनका विकास विस्तार अधिकारी के पद पर चयन हुआ और उन्होंने जॉइन भी कर लिया था। उनके पिता दौलत राम पाटकर पोस्ट ऑफिस में एजेंट हैं। वही मां चंद्रकला पाटकर रिटायर्ड शिक्षक हैं।
अंकित ने बताया कि उन्होंने पीएससी-2022 और 2023 का एग्जाम भी दिया है। इसका रिजल्ट आना बाकी है। उन्हें उम्मीद है कि उसमें उन्हें और बड़ी सफलता मिल सकती है।
- छठी रैंक वाली प्रियल बोलीं- प्रशासनिक सेवा का सपना बचपन से रहा
डिप्टी कलेक्टर पद पर चुने जाने पर उत्साहित प्रियल ने बताया, प्रशासनिक सेवा बचपन से ही मेरा सपना रहा है। इंजीनियरिंग के बाद 2018 से सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू की। इंटरव्यू में मुझसे पूछा, डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार की पोस्ट क्यों छोड़ना चाह रही। मैंने कहा, हमेशा से मेरी पहली पसंद डिप्टी कलेक्टर रही है। कॉलेज के दौरान लड़कियों के लिए एनजीओ शुरू किया था। उन्होंने इससे जुड़े कई सवाल किए।
- छठे स्थान पर रही प्रियल छठी कक्षा से इंदौर में पढ़ रहीं
छठे स्थान पर रही प्रियल यादव पीएससी 2019 में डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार और 2020 में असिस्टेंट कमिश्नर कॉपरेटिव के लिए चुनी जा चुकी हैं। मूलत: हरदा की प्रियल के पिता विजय यादव किसान हैं। पढ़ाई के लिए वह छठी क्लास से इंदौर आ गई।
- 252 कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए चुना था
87 प्रतिशत के 248 पदों के लिए 794 और 13 प्रतिशत के 42 पदों के लिए 252 को इंटरव्यू के लिए चुना। इनके इंटरव्यू 18 अप्रैल से 24 मई तक हुए थे। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के अंक मिलाकर मेरिट तैयार की गई। अभी 248 पदों की ही सूची दी गई है। बाकी पदों के लिए चयन प्रक्रिया आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद होगी।
- पीएससी ने 290 पदों के लिए बुलाए थे आवेदन
पीएससी ने 290 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन बुलाए थे। 17 से 22 जुलाई 2023 को हुई मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 25 नवंबर 2023 को आया। ओबीसी आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण यह रिजल्ट भी 87-13 के फॉर्मूले के तहत ही घोषित किया गया था।