भोपाल….
मध्यप्रदेश में अगर आप शपथ पत्र बनवाना चाहते हैं तो अब आपको 500 रुपए तक खर्च करना पड़ेगा। किरायानामा और प्रॉपर्टी के लिए किए जाने वाले एग्रीमेंट पर भी 1500 से 7 हजार तक चुकाना पड़ेंगे। दरअसल, राज्य सरकार ने भारतीय स्टाम्प मध्यप्रदेश संशोधन विधेयक-2025 को मंजूरी दे दी है। विधेयक में सेवाओं पर 500 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी एग्रीमेंट दस्तावेजों में लगने वाले स्टाम्प में की गई है।
सरकार ने पंजीयन विभाग की 12 सेवाओं में बदलाव का फैसला किया है। जिसमें 9 का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। विधानसभा में बुधवार को इस विधेयक समेत 8 विधेयक पारित किए गए है। विपक्षी दल कांग्रेस ने शपथ पत्र, किरायानामा और एग्रीमेंट के लिए किए जाने वाले बदलावों का विरोध करते हुए विधानसभा से वॉकआउट किया।

भारतीय स्टाम्प मध्यप्रदेश संशोधन विधेयक-2025….
- अब तक 50 रुपए के स्टाम्प टिकट के साथ 200 से 300 रुपए में शपथ पत्र बन जाता है। इसमें शपथपत्र में लिखी जानकारी और नोटरी की फीस शामिल होती है। लेकिन, अब 50 रुपए के बजाय 200 रुपए की स्टाम्प टिकट लगेगी। ऐसे में शपथ पत्र बनवाने वाले को 500 रुपए तक चुकाने पड़ेंगे।
- इसी तरह अभी 1000 रुपए के स्टाम्प टिकट में किरायानामा और प्रॉपर्टी एग्रीमेंट हो जाते थे। लेकिन, अब प्रॉपर्टी एग्रीमेंट की स्टाम्प टिकट 5000 रुपए तय हो गई है।
- ऐसे में नोटरी और दस्तावेज तैयार करने के एक से दो हजार रुपए तक अधिक चुकाने होंगे। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।

रजिस्ट्रीकरण मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक-2025….
वर्तमान प्रावधान में परिवार की परिभाषा के अंतर्गत माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, भाई, बहन, पुत्र वधू, पौत्री, नातिन एवं पौत्र, नाती को सम्मिलित किया है। जबकि विधवा भाभी एवं उनके बच्चों को शामिल नहीं किया है। जिसके कारण परिवार में संपत्ति विभाजन की दशा में विधवा भाभी एवं उनके बच्चों से स्टाम्प ड्यूटी 0.5 प्रतिशत के स्थान पर 5 प्रतिशत ली जाती थी। अब नवीन संशोधन से आर्टिकल 18 परिवार में संपत्ति विभाजन में विधवा भाभी और उसके बच्चों को परिवार की परिभाषा में शामिल किया है। इसलिए उन्हें भी अब 0.5 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ेगी।
विधिक सहायता और विधिक सलाह निरसन विधेयक-2025….
इस विधेयक को सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा 7 साल पहले बनाए गए कानून के आधार पर निरस्त कर दिया है क्योंकि एक ही तरह के दो विधेयक होने से असमंजस की स्थिति बन रही है। अब केंद्र सरकार द्वारा प्रभावी विधेयक के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को विधिक सहायता और विधिक सलाह मिलेगी।
कोर्ट जाएगी नोटरी एसोसिएशन….
नोटरी एसोसिएशन ने भारतीय स्टाम्प मध्यप्रदेश संशोधन विधेयक का विरोध किया है। एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप होलकर ने भास्कर से बातचीत में कहा कि स्टाम्प ड्यूटी की दरें पहले से बढ़ी हुई हैं। नगर निगम का कोई काम हो या स्कूल की टीसी या फिर दाखिले के समय शपथ पत्र मांगा जाता है। ऐसे में आम लोगों के हित में ये फैसला नहीं है। हम इसका विरोध करते हैं।
