भोपाल….
मुख्यालय स्तर पर होने वाले 5 लाख रुपए से अधिक के कार्यों के लिए अब कमिश्नर की मंजूरी जरूरी होगी। पहले 50 लाख रुपए तक के काम अपर आयुक्त ही पास कर देते थे। अब अपर आयुक्त सिर्फ 5 लाख रुपए तक के कार्यों को ही मंजूरी दे सकेंगे। यह निर्देश तत्कालीन कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने ट्रांसफर होने के दिन जारी किए थे। इधर, कमिश्नर संस्कृति जैन का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। गुरुवार को रिव्यू कर करेंगे। भोपाल नगर निगम में पिछले महीने 4 सितंबर को अपर आयुक्तों के मध्य कार्य विभाजन किया गया था।
इसमें हर अपर आयुक्त को उनके विभागों से संबंधित कार्यों के लिए 50 लाख रुपए तक की राशि की फाइल को पास करने के पॉवर दिए गए थे। इस आदेश को 30 सितंबर को संशोधित किया गया। इसमें कहा गया कि आंशिक संशोधन किया जाता है। यह पॉवर का उपयोग केवल पार्षद निधि, एमआईसी निधि, अध्यक्ष निधि एवं महापौर निधि के लिए ही किया जा सकेगा। मुख्यालय निधि से 5 लाख रुपए से अधिक राशि के होने वाले कामों के लिए फाइल मंजूरी के लिए कमिश्नर को भेजना होगा।
यह असर होगा… फाइल के हिसाब से अटकेंगे काम
मुख्यालय निधि से शहर में सड़क, नाली, सीवेज, बिजली और पानी सप्लाई समेत कई तरह के आम लोगों से जुड़े विकास कार्य होते हैं। अभी तक 50 लाख रुपए के कार्यों को अपर आयुक्त स्तर पर ही पास किया जाता था। यहां से पास होने के बाद यह ऑडिट में भेजे जाते हैं। उसके बाद फाइनेंस के पास फाइल जाती है। अब अपर आयुक्त के माध्यम से यह फाइल कमिश्नर को भेजी जाएगी। ऐसे में सभी विभागों की फाइल कमिश्नर के पास जाएंगी। फाइल मूवमेंट बढ़ने से कार्यों को पास कराने में देरी हो सकती है।