रीवा….
रीवा जिले में शिक्षा संबंधी दो गंभीर मुद्दों को लेकर छात्रों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। पहला ज्ञापन OBC (पिछड़ा वर्ग) छात्रों की ओर से माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम सौंपा गया, जिसमें छात्रावास निर्माण, छात्रवृत्ति एवं शिक्षण शुल्क वापसी सहित कई मांगें शामिल रहीं। वहीं दूसरा ज्ञापन श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के पैरामेडिकल संकाय के छात्र-छात्राओं द्वारा सौंपा गया, जिसमें छात्रवृत्ति पोर्टल सत्र 2023-24 को तत्काल खोले जाने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वाले ओबीसी छात्रों ने बताया कि रीवा संभाग की कुल जनसंख्या में लगभग 50 लाख से अधिक लोग पिछड़ा वर्ग से आते हैं, जिनके लिए शिक्षा की बुनियादी सुविधाएं अभी भी अपर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि संभागीय मुख्यालय होने के नाते रीवा में प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रों हेतु कम से कम 5000 छात्रों की क्षमता वाले छात्रावास का निर्माण अनिवार्य है। वर्तमान में उपलब्ध छात्रावास जर्जर अवस्था में हैं जिनका नवीनीकरण भी तत्काल जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि कृत्रिम रूप से लागू की गई क्रीमी लेयर की शर्त ने लाखों ओबीसी छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसरों से वंचित कर दिया है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि मेधावी छात्र योजना का लाभ केवल 6 लाख से कम आय वाले परिवारों को ही मिलता है, जबकि मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, आईआईटी और आईआईएम जैसे कोर्सों की फीस लाखों से करोड़ रुपये तक है। ऐसे में वास्तविक स्थिति में 6 लाख से अधिक आय वाले परिवार भी इस महंगी शिक्षा का खर्च नहीं उठा पाते। छात्रों ने स्पष्ट कहा कि पिछड़ा वर्ग के जरूरतमंद छात्रों को बिना आय और रैंकिंग सीमा के मेधावी योजना का लाभ मिलना चाहिए। छात्रवृत्ति और शिक्षण शुल्क वापसी की समस्याओं का जिक्र करते हुए ज्ञापन में कहा गया कि मध्यप्रदेश में छात्रवृत्ति दो हिस्सों में विभाजित है, जिसमें पहला हिस्सा मात्र 1000 रुपये वार्षिक है, जो नगण्य है। वहीं, शिक्षण शुल्क वापसी के रूप में कोर्स फीस के मुकाबले बेहद कम राशि मिलती है। उदाहरणस्वरूप बी.एड. की फीस 50,000 रुपये है, जबकि वापसी में मात्र 9,000 रुपये ही दिए जाते हैं। महात्मा गांधी स्मारक महाविद्यालय तथा अन्य नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को तो छात्रवृत्ति का लाभ ही नहीं मिल रहा। इसके अलावा बी.कॉम, बी.बी.ए., बी.सी.ए., इंजीनियरिंग और एमबीबीएस सहित अन्य उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में ओबीसी छात्रों को नगण्य सहयोग मिलता है, जिसके कारण हजारों छात्र-छात्राएं आर्थिक संकट से जूझते हुए पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। इसी क्रम में श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के पैरामेडिकल संकाय के छात्रों ने भी ज्ञापन सौंपकर अपनी गंभीर समस्या बताई। उन्होंने कहा कि वे सत्र 2023-24 के विद्यार्थी हैं, लेकिन मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के कारण उनका प्रवेश फरवरी 2025 में हुआ। इस वजह से सत्र 2023-24 का छात्रवृत्ति पोर्टल नहीं खुला और सभी पैरामेडिकल छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति आवेदन से वंचित रह गए। छात्रों ने बताया कि अधिकांश विद्यार्थी साधारण परिवारों से आते हैं और छात्रवृत्ति उनके लिए शिक्षा का मुख्य आधार है। पोर्टल न खुलने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और यदि समय रहते यह समस्या हल न हुई तो सैकड़ों छात्रों को पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ सकती है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पैरामेडिकल संकाय सीधे तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा हुआ है और यहाँ के छात्र भविष्य में समाज के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बनेंगे। ऐसे में इनके हितों की अनदेखी प्रदेश सरकार की शिक्षा प्रोत्साहन योजनाओं और जनहित दोनों के साथ अन्याय होगा।
दोनों ज्ञापनों में छात्रों ने मांग की कि सरकार तत्काल प्रभाव से ठोस कदम उठाए— रीवा संभाग में 5000 क्षमता वाले छात्रावास का निर्माण हो और जर्जर छात्रावासों का नवीनीकरण किया जाए। क्रीमी लेयर की शर्त हटाकर सभी ओबीसी छात्रों को उच्च शिक्षा का समान अवसर मिले। मेधावी छात्र योजना का लाभ बिना किसी आय सीमा और रैंकिंग के सभी जरूरतमंद छात्रों तक पहुँचे। छात्रवृत्ति एवं शिक्षण शुल्क वापसी वास्तविक फीस के अनुरूप दी जाए। पैरामेडिकल संकाय के सत्र 2023-24 का छात्रवृत्ति पोर्टल तत्काल खोला जाए, ताकि छात्र अपनी आगे की पढ़ाई बिना रुकावट जारी रख सकें।
ज्ञापन सौंपने वालों में छात्र नेता शुभम प्रसाद कुशवाहा, जे.पी. कुशवाहा, शिवम पटेल, नुशरत जहॉ, प्रिया करोसिया, प्रियंका प्रजापति, लक्षमी विश्वकर्मा, दीपांजली सिंह, आकांक्षा सोनी, अंजली दुबे, अदिति पटेल, अनुष्का शुक्ला, अंशिके केसरवानी, सपना पटेल, पूजा प्रजापति, प्रिया मिश्रा, पुष्पा साकेत, मधू मिश्रा, जानकी साहू, साक्षी विश्वकर्मा, स्वेक्षा सोनी, यामिनी सिंह, अंकिता सिंह, शालिनी कोल, निखिल साई, अनुपम सोहगौरा, मो. शोएब, अजहरूद्दीन, रोहित एवं समस्त पिछड़ा वर्ग छात्र-छात्राएं सम्मिलित रहे।