भोपाल….
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा एक पेड़ मां के नाम लगाने के आह्वान के बाद अब मोहन सरकार प्रदेश में पौधरोपण के लिए दो योजनाएं शुरू करेगी। यह योजनाएं गंगोत्री और एक बगिया मां के नाम से संचालित होंगी। सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक बगिया मां के नाम योजना शुरू करने जा रही है।
इस योजना में महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम किया जाएगा और उनके जरिए ही इस योजना को संचालित किया जाएगा।
योजना में शामिल होने वाली महिला या उसके परिजनों के नाम पर जमीन होना जरूरी है। एक बगिया मां के नाम योजना में फलदार पौधों का रोपण कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से शुरू होगा जो 15 सितंबर तक चलेगा। सरकार ने तय किया है कि मनरेगा के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की पात्र महिलाओं के द्वारा उनकी निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगवाए जाएंगे। प्रदेश की स्व सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर ‘एक बगिया मां के नाम लगाने पर सरकार की ओर से सुविधाएं भी दी जाएंगी। यह योजना 900 करोड़ रुपए की है। परियोजना में हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कंटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि दी जाएगी। साथ ही उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
दो एकड़ से कम जमीन पर लगेगी एक बगिया मां के नाम
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में पौधरोपण की योजनाएं शुरू करने वाली है। गंगोत्री योजना में छह करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे। इस योजना में नदियों के उद्गम स्थल पर पौधरोपण किए जाएंगे। इसमें छह करोड़ से ज्यादा पौधे लगेंगे। एक अन्य योजना एक बगिया मां के नाम से शुरू होने वाली है। इसमें दो एकड़ से कम भूमि पर दो लाख का अनुदान देकर योजना शुरू कराएंगे। निजी स्तर पर भी इसे स्वसहायता समूहों के जरिए लागू करेंगे जो 900 करोड़ की योजना है।
ऐसे किया जाएगा हितग्राहियों का चयन
- एक बगिया मां के नाम योजना में आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य जो फलदार पौधारोपण करना चाहती हों उनका चयन किया जाएगा।
- चुनी गई महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा।
अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा स्थल चयन
- इस योजना में पौधरोपण के लिए स्थल चयन सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा।
- स्थल चयन के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का परीक्षण किया जाएगा।
- यह साफ्टवेयर बताएगा कि जलवायु के हिसाब से कौन सा फलदार पौधा जमीन के लिए उपयुक्त है।
- पौधा किस समय और कब लगाया जाएगा इसका भी सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाया जाएगा।
- उपयोगी जमीन नहीं पाए जाने पर पौधरोपण का कार्य नहीं होगा।