इंदौर….
जायका की इस सीरीज में इस बार लेकर आए हैं, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के प्रसिद्ध दाल-पानिये। इंदौर में रणजीत हनुमान मंदिर के सामने श्री चारभुजा रेस्टोरेंट इस डिश को इतने सलीके से परोस रहा है कि पूरे प्रदेश से लोग यहां दाल पानिये खाने आते हैं। डिमांड इतनी है कि श्री चारभुजा रेस्टोरेंट के मालिक दूसरा आउटलेट खोलने की तैयारी में है। यहां वीकेंड पर करीब 300 ऑर्डर पूरे किए जाते हैं। आम दिनों में भी 100 से 150 ऑर्डर आते हैं। ग्राहकों को कई बार आधे घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है।
ऐसे आया दाल-पानिये बनाने का आइडिया
दाल-पानिये निमाड़ में घर-घर बनने वाली डिश है। स्वाद की राजधानी इंदौर में भी इसे पसंद करने वाले बड़ी संख्या में हैं। आलीराजपुर जिले के खट्टाली से इंदौर आकर बसे दीपेश मलानी ने इंदौरियों की इस नब्ज को पकड़ा और यहीं दाल-पानिये का रेस्टोरेंट शुरू कर दिया।

मालिक-कारीगर सभी निमाड़ के इसीलिए पारंपरिक स्वाद
दीपेश मलानी बताते हैं कि वे 17 साल पहले इंदौर आए। पढ़ाई के बाद अकाउंटेंट का जॉब किया। पारिवारिक बैकग्राउंड बिजनेस होने के कारण अपना व्यापार शुरू करने का मन था। तब बड़े भाई जयेश मलानी और परिवार से विचार-विमर्श करके इंदौर में दाल-पानिये का रेस्टोरेंट शुरू करने का मन पक्का कर लिया।
दीपेश ने कहा- 2019 में रेस्टोरेंट खोल लिया। कुछ ही समय में यहां का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ गया। कस्टमर बढ़ने लगे। लेकिन कोरोनाकाल में लोगों ने बाहर का खाना बंद कर दिया। कारोबार पूरी तरह ठप हो गया। इससे हमारी हिम्मत भी टूट गई। कोरोना खत्म होने के बाद लोगों के फिर कॉल आने लगे। तब परिवार से दोबारा बात की और हिम्मत जुटाकर नई शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि चारभुजा रेस्टोरेंट में मालिक से लेकर कारीगर तक सभी निमाड़ के ग्रामीण परिवेश के हैं इसलिए ग्राहकों को वही पारंपरिक स्वाद दे पाते हैं।

स्टेप बाय स्टेप जानिए कैसे थाली तक आता है दाल-पानिये


लाल-हरी चटनी, तली हुई हरी मिर्च साथ देते हैं
पानिये के साथ खट्टी-मीठी दाल परोसी जाती है। तीखी लाल-हरी चटनी रखी जाती है। लाल चटनी लहसुन और लाल मिर्च से तैयार की जाती है। इसे तेल में फ्राय किया जाता है। हरी मिर्च और हरे धनिये से हरी चटनी तैयार की जाती है। दोनों ही चटनियों को सिलबट्टे पर पीसा जाता है। गर्मियों में धनिये की जगह पुदीने की चटनी परोसी जाती है।

बेसन, घी और ड्राय फ्रूटस का लड्डू भी परोसते हैं
थाली में मिठाई के तौर पर केवल लड्डू सर्व किया जाता है। बेसन के इस लड्डू में घी तो होता ही है, ड्राय फ्रूट्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं। अतिरिक्त लड्डू की कीमत 25 रुपए अलग चार्ज की जाती है।
दीपेश मलानी बताते हैं कि मक्का मिलेट्स यानी मोटे अनाज का हिस्सा है। यह जल्दी पच जाता है। पानिये में कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा के साथ, फाइबर भी होता है। मक्के का आटा मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, जो एक स्वस्थ दिल और सामान्य रक्तचाप के लिए फायदेमंद है।