मोतिहारी….
इसके बाद अमन ने कहा-लड़की कुछ बोल नहीं रही है। जब हमने चेक किया तो पता चला कि लड़की ने दम तोड़ दिया है। हम डर गए थे। लड़की के शव को उसके ही दुप्पटे में बांधकर ई-रिक्शा में लादकर गांव के रास्ते 7 किलोमीटर दूर नदी किनारे फेंक दिया।
रौंगटे खड़े कर देने वाला ये कबूलनामा है उन आरोपियों का, जिन्होंने 6वीं क्लास में पढ़ने वाली 13 साल की बच्ची से दरिंदगी की। आरोपियों पर हवस इस कदर सवार था कि बच्ची की मौत होने तक वो उसके साथ गैंगरेप करते रहे।
16 जून 2024 को मोतिहारी में 13 साल की बच्ची के साथ जो हुआ उसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। गुड़िया (बदला हुआ नाम) उस दिन घर से कुरकुरे लेने निकली थी। रास्ते में उसका दोस्त मिला। वो बात करने लगी। गांव वालों ने गलत समझा और दोनों को मारने दौड़े। डर के मारे दोनों वहां से भागे।
गुड़िया गांव वालों से बचने के लिए जिस घर में गई, वहां ये चारों दरिंदे मौजूद थे। घर छोड़ने की बात कहकर चारों ने उसे ऑटो में बिठाया और सुनसान जगह पर गैंगरेप किया।
उसकी मौत के बाद आरोपियों ने शव को बच्ची के ही दुप्पटे में लपेट कर नदी के किनारे फेंक दिया। 13 साल की बच्ची के साथ क्या हुआ ये कभी किसी को पता नहीं चल पाता, अगर शराब के नशे में एक आरोपी अपना गुनाह कबूल नहीं करता। वो भी उस बच्ची के पिता के सामने।
पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया और जिसके बाद उसने जो भी पुलिस को बताया वो सुन एक बार रौंगटे खड़े हो जाते हैं।
आरोपी ने बताया कि जब तीसरा साथी रेप करने के लिए गया तो उसकी तबीयत खराब हो गई थी। चौथा रेप करने गया तो उसी दौरान उसकी मौत हो गई।
पढ़िए मोतिहारी की गुड़िया के साथ हुई दरिंदगी की पूरी कहानी…

गुड़िया ने मदद मांगी थी, उसे दरिंदगी के बाद मौत मिली
16 जून की रात 8 बजे गुड़िया घर से कुरकुरे खरीदने की बात कह कर निकली थी। देर होने पर मां ने फोन किया तो बेटी ने बताया वो 20 रुपए के कुरकुरे खरीद कर आ रही है। पर वो वापस नहीं लौटी। घर वाले उसे तलाशने लगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने उसे रात में चौक पर अपने दोस्त से बातें करते देखा था।
लोगों ने जब उन्हें टोका तो दोनों वहां से भाग गए। भागकर लड़की दरोगा टोला पहुंची। लड़की काफी डर गई थी और वो पास में ही मुन्ना पासवान के घर में चली गई। जबकि, उसका दोस्त वहां से भाग निकला।
मुन्ना की पत्नी ने बताया कि उस रात मेरे घर के पास ही मोहल्ले के चार लोग रंजन पासवान, गुड्डू साह, अमर पासवान और मनीष पासवान खड़े थे और सब कुछ देख रहे थे। लड़की ने कहा-मुझे घर पहुंचा दीजिए।
हम लोग कुछ कह पाते इससे पहले ही चारों ने ई-रिक्शा पर उसे जबरन बैठाया और लेकर चले गए। इसके बाद लड़की का कुछ अता पता नहीं चला। परिजन उसे ढूंढ़ते रहे। पुलिस के पास भी पहुंचे पर लड़की की कोई जानकारी नहीं मिल पाई।

नशे में आरोपी ने बताई कहानी, बच्ची के पिता भी मौजूद थे
इसी बीच 18 जून को लड़की के पिता शराब पीने के लिए दरोगा टोला पहुंचे। वहां पहले से कुछ लोग शराब पी रहे थे। वो नशे में थे और आपस में बात कर रहे थे। गैंगरेप में शामिल एक आरोपी रंजन भी यहां शराब पी रहा था और उसने अपने दोस्त को बताया कि हम लोगों ने दो दिनों पहले एक लड़की के साथ रेप किया है।
बच्ची की मौत हो गई तो उसके शव को छतौनी (मोतिहारी का एक इलाका) के पास फेंक दिया। लड़की के पिता ने यह बातें सुनी तो वो फौरन छतौनी की ओर निकल गए। वहां अपनी बेटी की तस्वीर दिखाकर लोगों से पूछताछ की पर कुछ पता नहीं चला।
मुन्ना से पता चला आरोपियों के बारे में….
इधर, लड़की को ढूंढ रही पुलिस ने उसके दोस्त को पकड़ा और उससे पूछताछ शुरू की। लड़के ने मुन्ना पासवान के घर में लड़की के घुसने तक की बात बताई। लड़की के पिता दरोगा टोला पहुंचे और मुन्ना पासवान से इस संबंध में बात की।
मुन्ना ने बताया कि दो दिनों पहले एक लड़की कहीं से भाग कर मेरे घर में घुस गई थी। उसने चेहरे को दुप्पटा से बांध रखा था। इसलिए मैं उसे पहचान नहीं सका। पर उसे मोहल्ले के ही रंजन पासवान, गुड्डू साह, अमर पासवान और मनीष पासवान उसके घर पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा से ले गए थे। फिर क्या हुआ, मुझे नहीं पता।

शव की हालत देखकर बहन ने पहचाना….
बच्ची के पिता ने रंजन पासवान (27), गुड्डू साह (28), अमर पासवान (22) और मनीष पासवान (28) के खिलाफ थाना में मामला दर्ज करवा दिया। इधर, पुलिस को 22 जून को छतौनी में नदी किनारे जलकुंभी के नीचे से एक अज्ञात लड़की का शव बरामद मिला। शव की हालत बहुत खराब थी।
पुलिस ने शव का फोटो और वीडियो बनवा कर उसका अंतिम संस्कार करवा दिया। पीड़िता के परिजनों को जब किसी लड़की का शव मिलने की जानकारी मिली तो वो 29 जून को थाना पहुंचे। पुलिस ने शव का फोटो और वीडियो दिखाया। इसी बीच लड़की की बहन की नजर शव के हाथ पर गई और उसे देख उसने कहा कि यह मेरी बहन की ही लाश है। वहीं, पुलिस डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया भी करवा रही है।

गुड्डू की गिरफ्तारी के बाद सामने आई दरिंदगी की कहानी….
इधर, पुलिस ने 5 जुलाई को आरोपी गुड्डू साह को गिरफ्तार कर लिया। इसकी गिरफ्तारी के बाद पूरी घटना परत दर परत खुलती चली गई। गुड्डू ने पुलिस पूछताछ में सारी कहानी बताई। उसने कहा कि इस लड़की के साथ हम चार लोगों ने मैं, रंजन पासवान, अमर पासवान और मनीष पासवान ने गैंगरेप किया। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। गुड्डू के अनुसार, 16 जून की रात लड़की मुन्ना पासवान के घर में जाकर छिपी थी। हम चारों वहीं बैठे थे और आपस में प्लानिंग की कि इसके साथ आज गलत करना है।
गुड्डू ने पुलिस को बताया कि रंजन पासवान एक ई-रिक्शा लेकर आया। हम चारों उसे ई-रिक्शा पर बिठाकर शहर की ओर निकल गए। ई-रिक्शा रंजन चला रहा था। उसके बगल में आगे मैं बैठा था। पीछे वाली सीट पर एक तरफ मनीष पासवान और दूसरी तरफ अमन पासवान बैठा था। बीच में लड़की थी। हमने लड़की को जान मारने की धमकी दी और चुपचाप चलने को कहा। उसके बाद रात 11 बजे गैस ऐजेंसी के पास सुनसान जगह पर उस लड़की को ले गए। यहां उसके दुप्पटे को जमीन पर बिछाया, उसका मुंह बांधा और बारी-बारी से उसके साथ रेप किया।
पहले मनीष ने और आखिर में अमन ने किया दुष्कर्म….
गुड्डू के अनुसार, सबसे पहले मनीष, फिर रंजन ने लड़की के साथ रेप किया। इसके बाद मैंने दुष्कर्म किया। पर तब तक लड़की की हालत खराब हो चुकी थी।। मैंने अमन को कहा-लड़की की हालत ठीक नहीं है। पर आखिर में अमन पासवान ने भी उसके साथ रेप किया। इसके बाद अमन ने कहा-लड़की कुछ बोल नहीं रही है। जब हमने चेक किया तो पता चला कि लड़की ने दम तोड़ दिया है। इसके बाद हम लोग काफी डर गए।
लड़की के शव को उसके ही दुप्पटे में बांधकर ई-रिक्शा में लादकर गांव के रास्ते रुपडी धनौती नदी की ओर ले गए। यहां जलकुंभी के नीचे शव को छिपाकर चारों दोस्त वहां से भागकर अपने घर चले आए। इधर, गुड्डू के पकड़े जाने के बाद 7 जुलाई को रंजन पासवान ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पर मनीष और अमन अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
मां बोली- दरिंदों को फांसी हो….
बच्ची की मां ने नगर थाना की पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर नगर थाने की पुलिस ने समय रहते एक्शन लिया होता तो सभी आरोपी आज सलाखों के पीछे होते।

शव को 3 थानों से होकर 7KM तक घुमाते रहे आरोपी….
गुड़िया से दरिंदगी के मामले में मोतिहारी पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। आरोपियों ने नगर थाना इलाके में उसके साथ गैंगरेप किया। छपौनी थाने से होते हुए उन्होंने ऑटो में डेड बॉडी लेकर मुफस्सिल थाना क्रॉस किया। 7 किलोमीटर तक वो शव को लेकर घूमते रहे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
पिता बोले- अंग्रेजी में बात करती तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता….
बच्ची गरीब घर से थी। मां और पिता दोनों सब्जी बेचकर घर चलाते थे। गुड़िया की एक बहन की शादी हो चुकी है। दो भाई बहन और हैं वो उससे छोटे हैं। गुड़िया के पिता ने बताया कि बेटी हमेशा कहती थी कि पापा हम डॉक्टर बनना चाहते हैं। पापा आप हमको पढ़ाइएगा न, उसके सपने को पूरा करने के लिए मैं दिन रात मेहनत करता था।

स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को सजा दिलवाएंगे….
गैंगरेप मामले में मोतिहारी एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस दबिश के बाद एक आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। अभी भी 2 आरोपी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है। 6 महीने के अंदर स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएंगे।
नशे की वजह से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं….
मनोचिकित्सक डॉ. मुकेश कुमार कुशवाहा ने बताया कि इस तरह की कोई बीमारी नहीं होती है। नशे में लोग इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं। इन आरोपियों में भी सभी ड्रग्स या नशा लेते होंगे। नशे में इंसान को कुछ समझ नहीं आता कि वो क्या कर रहा है।
सवाल- भीड़ को किसने दिया मारपीट का अधिकार….
गुड़िया अपने घर से निकली तो रास्ते में वो एक दोस्त से बात करने लगी। इसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने दोनों को रोका और पूछताछ करने लगे। दोनों ने कुछ नहीं बताया तो भीड़ मारपीट करने लगी। अगर भीड़ पीटने की जगह दोनों से ठीक से बात करती, उन्हें समझाती। ज्यादा परेशानी थी तो परिवार को बुलाती तब शायद गुड़िया वहां से डर कर नहीं भागती, फिर कहीं और नहीं जाती ना ही उसके साथ ऐसी दरिंदगी होती।
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