सतीश जैन>इंदौर….

छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि विनम्र सागर जी महाराज ने मंगलवार को अपने प्रवचन में कहा कि सरकार और नागरिक के बीच में सबसे गंदी कड़ी है- व्यसन। सात प्रकार के व्यसनों को देश में लीगल नहीं करना चाहिए। देश में गलत वेबसाइट चालू करवाने पर सरकार को तो कम, लेकिन कुछ लोगों को बड़ी रकम मिल जाती है। वे लोग गद्दार माने जाएंगे, जो जुआ, शराब और बीयर बार को बढ़ावा दे रहे हैं। इन सबसे आपराधिक प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं। बच्चे कॉइन कलेक्शन के माध्यम से मोबाइल में जुआ खेल रहे हैं। जुआरी की मानसिकता होती है कि आज 5 लाख जीते तो कल 50 लाख जीतूंगा और जुआ खिलाने वाले की मानसिकता होती है कि हमारे यहां से कोई जीत कर नहीं जाएगा । जुआं खिलाने से देश की जीडीपी बर्बाद हो रही है। सारे विज्ञापनों में सत्यता नहीं होती। भारत की वसुंधरा को बचाने के लिए मैं यह सब कुछ कह रहा हूं। सरकार में बैठे मंत्री हमारी आस्था के केंद्र हैं, लेकिन कुछ नीतियों से देश का युवा बर्बाद हो रहा है।

क्राइम करने वालों की कालर नहीं, दिमाग गंदे
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में 35% माल चाइना का बिक रहा है। हमें भी नई-नई इंडस्ट्रीज डालनी चाहिए। आज देश को बहिष्कार की नहीं आविष्कार की आवश्यकता है। क्राइम करने वालों की कालर कभी गंदी नहीं होती , उनके दिमाग गंदे होते हैं। हकीकत में एक बार साधु को देश का प्रधानमंत्री बना कर देखो। आज आप अपने व अपने परिवार के मोबाइल में से आपराधिक गतिविधियों वाले सभी गेम्स / वेबसाइट डिलीट कर दीजिएगा। अभी भी वक्त है- चिड़िया चुग गई सारा खेत, आंख खुली तो देखा मैंने खेत में रेत ही रेत।

प्रवचन में एक सच्ची घटना पर दी नसीहत
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि आज के प्रवचन में सोमवार को गुरुदेव से मिलने आए एक बड़े व्यापारी ने जब यह बताया कि मेरा पुत्र जुएं और सट्टे में 28 करोड़ रुपए हार गया है, उसकी वजह से मुझे 3 फैक्ट्रियां बेचना पड़ेगी। मुनिवर ने पूरे समाज को एक नसीहत देते हुए उक्त विचार व्यक्त किए । प्रातः गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के बाद गुरुदेव की आठ द्रव्यों से सभी श्रावक- श्राविकाओं ने पूजन की। इस अवसर पर मनोज बाकलीवाल, मनीष नायक,सतीश डबडेरा, सचिन जैन, सतीश जैन, आनंद जैन, भरतेश बड़कुल, कैलाश चंद जी जैन , रमेश चंद्र जैन, कमल अग्रवाल, सुधीर जैन, रितेश जैन, आदि विशेष रूप से मौजूद थे। मुनि निस्वार्थ सागर जी महाराज भी मंच पर विराजित थे। प्रतिदिन सुबह 8.30 बजे से आचार्य श्री जी की पूजन, 9:00 बजे से मुनिवर के प्रवचन, दलाल बाग में होते हैं। धर्मसभा का संचालन शिरीष अजमेरा ने किया।
