इंदौर….
गुजरात, महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों में लोक परिवहन घाटे में है। मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां के पब्लिक ट्रांसपोर्ट मॉडल में आय बढ़ाने के साथ ही गांव-गांव तक कनेक्टिविटी देने पर जोर है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के लिए इसी महीने राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी का गठन हो जाएगा। प्रदेशभर में सुगम बस परिवहन मिले, इसके लिए राज्य शासन ने कैबिनेट में इस योजना को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के 7 संभागों के लिए क्षेत्रीय कंपनियों का गठन होगा। इंदौर संभाग में अभी एआईसीटीएसएल है। इसे ही इंदौर संभाग की क्षेत्रीय कंपनी में कन्वर्ट किया जाएगा।
प्रदेश के लिए जो प्रस्ताव दिया गया है, इसमें ऑनलाइन टिकटिंग और बस सेवा के अलावा अन्य लोक परिवहन को जोड़ने से वित्तीय परेशानी नहीं होगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में क्षेत्रीय कंपनियों का गठन होगा। जिला स्तरीय यात्री परिवहन समितियां बनेंगी। ऐसे रूट का भी सर्वे किया जा रहा है, जिससे गांवों तक बसों की पहुंच हो सके। राज्य शासन को जो प्रोजेक्ट रिपोर्ट दी गई है, उसमें साल 2016 से 2020 तक के आंकड़े दिए गए हैं। इनके मुताबिक दिल्ली में यह सिस्टम काफी महंगा है। वहां 2019-20 में 6147 करोड़ का घाटा हुआ था।

मुख्यमंत्री सुगम परिवहन योजना में आय….
- बसों से मिलने वाली रॉयल्टी व ई-टिकट से प्रीमियम
- बस, ऑटो, ई-स्कूटर आदि को सिंगल आईटी प्लेटफॉर्म देते हुए डिजिटल ई-टिकट की सुविधा।
- बसों के अंदर-बाहर, बस स्टॉप, टर्मिनल, डिपो पर डिजिटल स्क्रीन, विभिन्न एप पर विज्ञापन व अन्य तरह के विज्ञापनों से आय।
- हाईवे पर चार्जिंग सुविधा, पैसेंजर सुविधा, फूड पॉइंट, बस स्टैंड-टर्मिनल से मिलने वाला रेवेन्यू।
- बसों में ले जाए जाने वाले एक शहर से दूसरे शहर तक कार्गो पर शुल्क की शेयरिंग।
- आईटीएमएस के डेटा सर्वर से मौजूद डेटा का शासन के नियमों के तहत सॉफ्टवेयर कंपन, स्टार्टअप, एकेडमिक संस्थानों को डेटा लाइसेंसिंग से मिलने वाली आय भी इसी में शामिल होगी।
नए सिस्टम से किसे क्या फायदा….
- यात्रियों को : स्टॉप एवं टर्मिनल (बस स्टैंड) से प्रतीक्षा में आराम, कैमरे, पैनिक बटन, ड्राइवर का नेत्र परीक्षण आदि से सुरक्षित यात्रा की सुविधा होगी। शहर और गांवों को जोड़ने के लिए एकीकृत योजना लागू होगी। मोबाइल एप से समीप के स्टॉप व बस की लोकेशन नजर आएगी। रूट व किराए की सही जानकारी मिलेगी और मनमाने किराया वसूली पर रोक लगेगी।
- बस ऑपरेटर को : डिपो, बस स्टैंड, बस स्टॉप, बुकिंग केंद्र व संभाग-जिला स्तर पर कार्यालय की सुविधा। आईटी प्लेटफॉर्म पर जुड़ने से किराया लीकेज बंद, ई-टिकट बुकिंग, परमिट में सरलता, रूट पर बसों व समय का चयन। प्रशासन-पुलिस का सहयोग। कार्गो परिवहन से लाभ।
यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर जोर रहेगा….
जल्द ही कंपनी के गठन सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी होंगी। नए सिस्टम में यात्रियों को कई सुविधाएं देंगे। निजी बसों की मनमानी और किराए पर भी नियंत्रण होगा।
– मनीष सिंह, अपर सचिव, परिवहन विभाग व एमडी राज्य सड़क परिवहन निगम