इंदौर….
इंदौर लोकायुक्त की टीम ने मंगलवार को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए नायब तहसीलदार के बाबू (निलंबित), वर्तमान अटैच तहसील कनाडिया को पकड़ा। जमीन नामांतरण के नाम पर उन्होंने 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। बाबू इतना शातिर था कि उसने फरियादी को रिश्वत की राशि लेकर बुलाया और अपने टेबल के दराज में रखवा लिए। मगर लोकायुक्त की टीम ने बाबू को रंगेहाथ पकड़ लिया।
एडवोकेट कृष्ण कुमार डांगी ने की थी शिकायत
इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय के मुताबिक आवेदक एडवोकेट कृष्ण कुमार डांगी ने मामले की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनकी विधवा बुआ भगवंती बाई निवासी ग्राम खराडीया की जमीन के नामांतरण के लिए बाबू नरेंद्र नरवरिया ने नायब तहसीलदार खुड़ैल दयाराम निगम के साथ मिलकर 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी है। इस शिकायत की जांच की तो ये शिकायत सही मिली।
जैसे ही रिश्वत ली और पकड़ा गया बाबू
लोकायुक्त ने ट्रैप दल ने निलंबित सहायक ग्रेड-3 नरेंद्र नरवरिया को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। ट्रैप के प्लान के मुताबिक आवेदक 50 हजार रुपये की रिश्वत लेकर तहसील कार्यालय गए। बाबू नरवरिया ने जैसे ही रिश्वत की राशि अपनी टेबल की दराज में रखवाई। ट्रैप टीम ने आरोपी को दबोच लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 और 13(1) के तहत कार्रवाई की गई। इस दौरान नायब तहसीलदार मौके पर उपस्थित नहीं थे।
ट्रैप दल में डीसीपी सुनील तालाना, इंस्पेक्टर आशुतोष मिठास, सब-इंस्पेक्टर रहीम खान, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक आदित्य भदौरिया, राकेश मिश्रा, आशीष नायडू, आशीष आर्य और शैलेंद्र बघेल शामिल थे।