ग्वालियर….
क्राइम ब्रांच ने मेट्रीमोनियल वेबसाइट के जरिए ठगी करने वाले इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश किया है। यहां कॉलसेंटर में 15 से 19 साल की लड़कियों के जरिए लाखों की ठगी करने का मामला सामने आया है। यहां छोटी उम्र की लड़कियों से अधेड़ और बुजुर्ग युवकों को कॉल कराया जाता था। खासकर उन लोगों को जो मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर अपने लिए जीवनसाथी ढूंढ रहे हैं। लड़कियों उनसे हमसफर की तरह घंटों बातें करती उन्हें शादी के सपने दिखाती और अंत में पैसे एठने के बाद नंबर को ब्लॉक कर देती थी। पुलिस के मुताबिक इस गैंग के ग्वालियर में तीन सेंटर थे, जहां से यह धोखाधड़ी का नेटवर्क चला रहे थे। पुलिस को गैंग के पास से मिले मोबाइल, सिम कार्ड, रजिस्टर व लैपटॉप से ऐसे-ऐसे खुलासे हुए हैं कि खुद पुलिस अफसर हैरान हो गए हैं।
लड़कियों की मीठी आवाज और सुंदर तस्वीरें दिखाकर फंसाते थे जाल में
इंटरस्टेट गैंग अपने शिकार को फंसाने के लिए इंटरनेट, सोशल मीडिया अकाउंट से हसीन लड़के और लड़कियों के फोटो चोरी करके एलबम बनाते थे। इन्हीं फोटो का उपयोग कर वह उम्र दराज युवक-युवतियों को टारगेट करते थे। कॉल सेंटर में 15 से 19 साल की लड़कियों को कॉलिंग के लिए रखा जाता था। उनकी मीठी और सुरीली आवाज को लोगों को जाल में फंसाने के लिए उपयोग किया जाता है।
ऐसे चलता था ठगी का कारोबार, इस तरह फंसाते थे शिकार ….
सबसे पहले जैसे ही कोई व्यक्ति मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर अपना बायोडाटा अपडेट करता तो कॉल सेंटर से उसे कॉल किया जाता। उसे बताया जाता कि उसके लिए परफेक्ट मैच मिल गया है। इसके बाद कॉल सेंटर की कम उम्र की लड़कियां शिकार से उसकी हमसफर बनकर बात करती थीं। उसे अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसाती थीं। इसके बाद कॉल सेंटर से कॉल कर शिकार को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जाता था। किसी से 5 हजार तो किसी से 10 हजार रुपए ऑनलाइन पैमेंट लिया जाता था। इसके बाद सामने वाले का नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था।
सुंदर लड़की की फोटो देखाकर देते थे लालच….
ठगों के निशाने पर ऐसे युवा होते थे जिनकी शादी की उम्र निकल चुकी है। 35 साल से 45 साल के ओवरएज हो चुके युवा इनके सॉफ्ट टारगेट होते थे। इनको इसलिए टारगेट किया जाता था कि इनकी शादी नहीं हो रही होती थी। जब यह वेबसाइट पर आते थे तो इनको एक सुंदर लड़की को फोटो दिखाकर उनके मन में नई उमंग जगा दी जाती थी। उसी उमंग में वह आसानी से ठगी का शिकार हो जाते थे। गिरोह के 70 फीसदी शिकार इसी कॉमन एज ग्रुप के हैं।
बदनामी के डर से लोग नहीं करते थे शिकायत, तीन सेंटर से चल रहा था गैंग
छोटी-छोटी अमाउंट में ठगी होने पर लोग बदनामी के डर से पुलिस में शिकायत नहीं करते थे। इसी का गैंग फायदा उठाता था। इतना ही नहीं ग्वालियर में इनके तीन सेंटर चल रहे थे इसलिए उन्होंने ग्वालियर, भिंड, मुरैना को टारगेट नहीं किया, लेकिन देश के मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, ओडिशा, बिहार, उत्तराखंड व झारखंड के लोगों को टारगेट कर चुके हैं।
तीन मेट्रीमोनियल वेबसाइट व कॉल सेंटर से पुलिस ने अंजलि बैस, नीलू गर्ग, अंजना डोंगरे, अतुल पाल, कोमल पखारिया और जयदीप कुमार को गिरफ्तार किया है। इन सभी से बड़ी संख्या में रजिस्टर, लैपटॉप, 25 मोबाइल, 40 सिम कार्ड, तीन कम्प्यूटर मिले हैं। जब इनकी जांच की गई तो एक बड़ा खुलासा हुआ है।
1400 लोगों को बनाया अपना शिकार, पूर्व अधिकारी भी शामिल
उत्तर प्रदेश के एक रिटायर्ड TI को बुढ़ापे में हसीन दुल्हन दिलाने का सपना दिखाकर रजिस्ट्रेशन के नाम पर 5 हजार रुपए ठग लिए। इसके बाद उसके नंबर को ब्लॉक कर दिया। पर रिटायर्ड TI लगातार नंबर बदल-बदल कर कॉल सेंटर पर कॉल कर पूछता था मेरा कुछ हुआ क्या। इसी तरह इस गैंग ने 11 राज्यों में करीब 1200 से 1400 लोगों को अपना शिकार बनाया है।