पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान पर खाड़ी देशों ने कड़ी आपत्ति की है। कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर विरोध जताया है। कतर-कुवैत ने भारत सरकार से इस बयान पर माफी की मांग की है। वहीं, सऊदी अरब ने भी इस बयान पर ऐतराज जताया है। इसके अलावा सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अन्य अरब देशों ने अपने सुपर स्टोर्स में इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया है।
57 मुस्लिम देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी निंदा की है। संगठन ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा- भारत में बीते दिनों में मुस्लमानों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े हैं। कई राज्यों में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब में बैन के साथ मुस्लिमों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।
भारत ने OIC का बयान खारिज किया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने OIC के बयान पर ऐतराज जताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत OIC सचिवालय की गैरजरूरी और छोटी सोच वाली टिप्पणियों को साफ तौर पर खारिज करता है। भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है।

सऊदी और बहरीन ने किया फैसले का स्वागत
भाजपा ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया। इसके बाद भारत ने बयान जारी कर कहा कि जो भी गलतबयानी की गई वो भारत सरकार का ऑफिशियल स्टैंड नहीं है। इसके साथ सरकार ने विवादित बयान देने वाले नेताओं को पार्टी बाहर करने की बात पर भी फोकस किया। सऊदी अरब और बहरीन ने इस फैसले का स्वागत किया है। भाजपा ने भी बयान जारी कर कहा कि हम सभी धर्मों और उनके पूज्यों का सम्मान करते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने एक लेटर जारी कर कहा- भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करने वाली पार्टी है।
भारत जरूरत का 50% से ज्यादा ऑयल खाड़ी देशों से बुलाता है
कोरोना महामारी की चोट से अभी तक भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह उबर नहीं पाई है। ऐसे में अगर यह मामला ज्यादा तूल पकड़ता है, इससे देश की आर्थिक सेहत को काफी नुकसान पहुंच सकता है। भारत अपनी जरूरत का कुल 52.7% तेल इन्हीं देशों से इंपोर्ट करता है। खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) जिसमें कुवैत, कतर, सऊदी अरब, बहरीन, ओमान और यूएई शामिल हैं, 2020-21 में भारत ने 90 अरब डॉलर का व्यापार किया था। इसके अलावा भारत को फॉरेन रिजर्व का एक बड़ा हिस्सा यहीं से मिलता है।