भोपाल….

प्रदेश की नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं को मान्यता दिलाने के मामले में सीबीआई के अफसरों के रिश्वत कांड ने प्रदेश के अफसरों की परेशानी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में सीएम यादव के रुख को देखते हुए सीबीआई की प्रतिनियुक्ति से लौटे पुलिस इंस्पेक्टर सुशील मजोका को बर्खास्त करने के बाद अब 14 नायब तहसीलदार और तहसीलदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन अधिकारियों के अलावा कुछ और जिम्मेदार कर्मचारियों व अधिकारियों की सूची भी तैयार कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग जांच में शामिल रहे 111 अफसरों को पहले ही नोटिस जारी कर चुका है।
नर्सिंग कालेज घोटाले के रिश्वत कांड में सरकार किसी तरह की रियायत नहीं देना चाहती है। इसीलिए गुरुवार को राजस्व विभाग ने लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर 14 राजस्व अधिकारियों को शोकाज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन पर आरोप है कि जांच के लिए गठित निरीक्षण दल के सदस्य के रूप में गलत निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में इन्होंने सहयोग किया है। इसके अलावा राजस्व विभाग के कुछ और कर्मचारियों के विरुद्ध भी एक्शन हो सकता है। साथ ही जांच से जुड़े अन्य विभागों के अफसरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है ताकि कार्रवाई की जा सके।
इन अधिकारियों को जारी किए गए हैं नोटिस
जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उसमें पल्लवी पौराणिक तत्कालीन तहसीलदार इंदौर, अंकिता यदुवंशी, तत्कालीन नायब तहसीलदार विदिशा, ज्योति ढोके तत्कालीन नायब तहसीलदार नर्मदापुरम्, रानू माल नायब तहसीलदार अलीराजपुर, अनिल बघेल नायब तहसीलदार झाबुआ, सुभाष कुमार सुनेरे तत्कालीन नायब तहसीलदार देवास, जगदीश बिलगावे नायब तहसीलदार बुरहानपुर, यतीश शुक्ला नायब तहसीलदार रीवा, छवि पंत तत्कालीन नायब तहसीलदार छिंदवाड़ा, सतेन्द्र सिंह गुर्जर तत्कालीन नायब तहसीलदार जिला धार, रामलाल पगोर नायब तहसीलदार बुरहानपुर, जितेन्द्र सोलंकी तत्कालीन नायब तहसीलदार झाबुआ, अतुल शर्मा तत्कालीन नायब तहसीलदार सीहोर एवं कृष्णा पटेल तत्कालीन नायब तहसीलदार खरगोन के नाम सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के संबंध में हुई गड़बड़ियों को लेकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने बताया है कि नर्सिंग कौंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष तथा रजिस्ट्रार के विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा सीबीआई जाँच में अनुपयुक्त पाये गये नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता पूर्व से ही निरस्त की जा चुकी है। कॉलेजों का निरीक्षण करने वाले दलों के सदस्यों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई प्रारंभ की गयी है। विभाग के कुल 111 निरीक्षणकर्ताओं को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है।