नई दिल्ली….
भोपाल नगर निगम को राष्ट्रपति भवन में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण मिल चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 जुलाई को नई दिल्ली में टॉप शहरों को अवॉर्ड देंगी। आधिकारिक घोषणा वहीं होगी।
इधर, दूसरा स्थान आने पर भोपाल नगर निगम भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन सच यह है कि इस बार हमारा मुकाबला सबसे साफ शहरों से था भी नहीं।
इंदौर, सूरत जैसे 15 शहर ‘सुपर स्वच्छता लीग’ में
पिछले साल (2024) ही स्वच्छ सुपर लीग नाम की नई श्रेणी जोड़ी गई थी। इसमें दो साल से टॉप-3 में आने वाले शहरों को लिया गया था, लेकिन एक दिन पहले ही इसमें बदलाव कर अवधि 3 साल कर दी गई। पिछली बार लीग में सिर्फ 12 शहर थे, अब 15 हो गए हैं।
इंदौर लगातार सात बार देश का नंबर-1 स्वच्छ शहर बन चुका है, लेकिन इस बार सूरत और नवी मुंबई के साथ रैंकिंग से बाहर रहेगा, क्योंकि स्वच्छता सुपर लीग में शामिल शहरों की रैंकिंग नहीं की जाती।
लीग में वही शहर शामिल होते हैं, जो पिछले तीन वर्षों में टॉप-3 में रहे हैं। भले ही स्वच्छता में स्वच्छ सुपर लीग अलग श्रेणी बना दी गई है, लेकिन देश के सभी शहरों को सफाई व्यवस्था के आधार पर 12500 में से अंक दिए जाएंगे।
दरअसल, हर साल अलग-अलग कैटेगरी (50 हजार से ज्यादा और 10 लाख से अधिक आबादी) में टॉप करने वाले कुछ शहर लगातार टॉप-3 में बने हुए थे। इससे अन्य शहरों के लिए मुकाबले की जगह सीमित रह जाती थी।
मध्य प्रदेश के 5 शहरों को भी अवॉर्ड मिलेगा, 3 शहर सुपरलीग में
भोपाल, देवास और शाहगंज प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड की दौड़ में हैं। जबलपुर को मिनिस्ट्रीयल कैटेगरी में और ग्वालियर को स्टेट लेवल अवॉर्ड के लिए आमंत्रण मिला है।
वहीं, इंदौर, उज्जैन और बुदनी सुपरलीग में है। उज्जैन सीएम मोहन यादव का गृह जिला है, जबकि बुदनी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का क्षेत्र रहा है।